चंद्रेश्वर

चंद्रेश्वर की तीन कविताएं

बाबा जिंदा शाह की मजार 

यहीं थे पुराने इमली के पेड़
छायादार---कतारबद्ध 
सड़क के उत्तर किनारे गांव की तरफ 
जिनकी शाखें कभी हुआ करती थीं शरण्य 
हजारों बगुलों और कबूतरों की
प्रवासी पक्षियों की

अब जाने वे कहां होंगे---
जरूर ढूंढ लिए होंगे
अपना नया बसेरा

इन्हीं छायादार इमली के पेड़ों के नीचे लग....

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