- श्रेणियाँ
- संपादकीय
- कहानी
- कविता
- गजल
- रचनाकार
- पाखी परिचय
- पिछले अंक
- संपर्क करें
कार्यालय के गेट पर जैसे ही मेरी गाड़ी पहुंची गार्ड ने अभिवादन के साथ गेट खोला। गेट से मैंने अपनी गाड़ी पार्किंग की ओर घुमा दी। आपिफसर्स पार्किंग में गाड़ी पार्क कर मैं कार्यालय के काॅरीडोर की ओर बढ़ गयी। आते-जाते कार्यालय के कर्मचारियों के अभिवादन का उत्तर देते हुए मैं अपने कक्ष में दाखिल हुई। मुझे आता देख मेरे कक्ष का ए.सी. तुलसी ने चला दिया था। तुलसी यहां चतुर्थ श्रेणी कर्....
