ये स्कूटर है हां ये स्कूटर है दो पहिए हैं चलता है पर मुझसे नहीं चलता है दूसरों से मुझे दो लत्ती मारता है मेरा है
असग़र वजाहत
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हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।