चुप्पी प्रेम की सबसे प्रिय शरणस्थली है। बोल-बनाव मनुहार का सिलसिला।
पूरा पढ़ेकुछ पुराने अनसुलझे पल भी लेते आना सचमुच बड़ा मजा आता है यार बहस में जब तुम जिद पर उतर आती हो
पूरा पढ़ेदिया बुझा दिया है अभी मसल कर आहिस्ता डूबते धुएं में देखता हूं तुम्हारा पिघलता अक्स
पूरा पढ़ेसामने वज्रपात करती हुई वह आई और समा गई नदी में
पूरा पढ़ेप्रार्थना करती औरतें एकाग्र नहीं होती वे लौटती हैं बार-बार अपने संसार में जहां वे प्रेम करती हैं
पूरा पढ़ेप्यार हो जाता हूं इतना आसान हूं कि प्यार हो जाता हूं इतना कठिन हूं
पूरा पढ़ेआकाश सी विस्तृत हो गयी कल्पनाएं पृथ्वी सा उर्वर हो गया मन सारा जल उतर आया आंखों में अग्नि दहक उठी कामना की
पूरा पढ़ेशिराएं भी सहम जाती हैं लाल रंग देखकर कितना जज्ब किया है न मैंने रंग को बस नहीं मिली तो सिर्फ एक चीज जिसके तुम ख्वा
पूरा पढ़ेचोर दरवाजे चुपके से यहां और वहीं कहीं किसी दरवाजे के पीछे टेक लगाये ख़ड़ी रहती हूं देर तक चुपचाप
पूरा पढ़ेतुम्हारी बातों का ख़जाना है मेरे पास तुम्हारी अनुपस्थिति में गुनगुनाते हुए गवाक्ष से आती ओढ़ लूंगी कार्तिक की कच्
पूरा पढ़ेकॉफी है टेबल है एक घर है जिसमें ये दोनों हैं
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