वह बरामदे में खड़ा जोर-जीर से चीख रहा था ......मोहल्ले के कुछ लोग घर के बाहर आ कर मज़ा ले रहे थे और जो सामने नहीं आना चाहते
पूरा पढ़ेरंजना को जैसे करन्ट सा लगा ,वह एकदम चिहुँक कर उठी , उसके स्वर में उसे मादकता का पुट प्रतीत होते हुए भी जैसे कुछ अधिकार
पूरा पढ़ेवसु को जब कभी इस शहर आना होता है तो अक्सर उस पुराने सपने में लौट जाना होता है जो कभी उसकी हकीकत थी.वसु का घर,बचपन से ल
पूरा पढ़ेआज बिशुनिया अपनी जिंदगी की अंतीम सांसे ली। अब कोई दर्द नहीं कोई कराह नहीं। बस नींद और गहरी नींद। बहुत दर्द सह ली। उस
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