असग़र वज़ाहत मनुष्य और लेखक दोनो अर्थों मे अपने समकालीनों से भिन्न हैं और कई बार यह भिन्नता हमे चकित करती है । मै अक
पूरा पढ़ेअपने प्रिय कथाकार एवं अभूतपूर्व मित्र असग़र वजाहत पर लिखते समय अचानक उर्दू के मशहूर शायर जगन्नाथ आजाद की ये काव्य-
पूरा पढ़ेदिल्ली का इतिहास इतना पुराना एवं गौरवपूर्ण है कि उसे बार-बार दोहराना मेरा उद्देश्य नहीं। मैं इस लेख में जामिया और
पूरा पढ़ेअसग़र वजाहत सर की बात उनसे हुई पहली मुलाक़ात से आरंभ करता हूँ। यानी जब मैंने उन्हें पहली बार जामिया में देखा था। ये 1999
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