विभूति नारायण राय की रचनाएं पक्षपात की गन्ध से दूर उम्मीदों के बेहद करीब अपने ताने-बाने बुनती हैं। उनकी कथाएं उनक
मुहम्मद हारून रशीद खान
पूरा पढ़े
पूरा देखें
हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।