अपूर्व जोशी

 तानाशाही में तब्दील होती लोकशाही

जीन शार्प ने अपनी पुस्तक में विस्तार से समझाने कर प्रयास किया है कि कैसे तानशाही प्रकृति का विरोध अंहिसक तरीकों से किया जा सकता है। यह पुस्तक विश्व की तीस भाषाओं में अनूदित की जा चुकी है और तानाशाही से लड़ने वालों के लिए यह अनिवार्य रूप से पढ़ी जाने वाली पुस्तक का दर्जा रखती है। वर्तमान समय में जब हमारे देश में अघोषित आपातकाल की बात उठने लगी हो, देश के नौजवान, क....

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