अपूर्व जोशी

गजब धर्म का जलवा, सब हुए दिगम्बर

बहुत ईमानदारी और उतने ही क्षोभ के साथ कहना चाहता हूं कि हमारा ‘बुद्धिजीवी’ कहे जाना वाला वर्ग इस दौर में धर्मरूपी अफीम चाट इस कदर नशे में डूब चुका है कि उससे अब समाज को राह दिखाने, आईना दिखाने की अपेक्षा करना बेईमानी है। हमारे समय का यह सबसे क्रूर सच है। हमारे पास आज न कोई गांधी है, न नेहरू, न पटेल, न ही दिनकर, न शिवमंगल सिंह सुमन। हमारे साहित्य में मा....

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