फिर बीरपुर बैराज के 56 फाटक खोल दिए गए।
रामबहोरन सिंह के दिल मेंं हुकदुकी हो रही है। हुकदुुकी पूरे इलाके में है,जाने क्या हो!बोह जब भी आता है, तो एक जमीन पर जान-माल को लपलपती धार में लीलता हुआ और एक स्मृति में आतंक की तरह...
रामबहोरन सिंह को याद है। जब कुसहा बाँध टूटा था।
पानी अफवाह की खबर की तरह तेजी से आया था और सच में तब्दील ह....