सुदर्शन वशिष्ठ

पंचरत्न

 

ऊंचे गेट के बाहर उतारा रिक्शे वाले ने तो लगा किसी गलत जगह आ गए हैं। एक बार तो लौटने को हो गया प्रताप।गेट के भीतर एक ओर लम्बी चौड़ी पार्किंग थी। एक वर्दीधारी रोबीला दरबान बड़े सलीके से गाड़ियां लगवा रहा था। भीतर के मुख्य द्वार पर बड़ा-सा शीशा लगा था जो आदमी के करीब जाते ही खुद खुल जा रहा था। आदमी के भीतर प्रवेश पर खुद ही बंद। डरता-डरता द्वार तक गया तो शीशा खुल गया। प्रताप ने पहले पत्न....

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