हम लेखक हैं इसलिए लिखते हैं। सच कहें तो ज्यादा समय लिखने के इरादे और तैयारी में बिताते हैं। कई बार सोच विचार की प्रक्रिया इतना थका देती है कि लिखने का नम्बर आने के पहले नींद का नम्बर आ जाता है। इसलिए लेखक इस दुनिया के सबसे लद्धड़ प्राणी माने जाते हैं।
कभी-कभी हम लेखकों को गोष्ठियों, सभा-सम्मेलनों में जाने का मौका मिलता है। इनमें जाने से लेखन के क्रम से व्याघात आता ह....