सुरेश कुमार

हिंदी दलित साहित्य में कविता की मुकम्मल जमीन को तैयार करने में स्वामी अछूतानंद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दलित साहित्य का विस्तार जैसे-जैसे बढ़ता गया दलित कविता बुलंदी की ओर बढ़ती गई। हिंदी साहित्य में दलित कविता नवीन और क्रांतिकारी युग की सूचक मानी जाती है। हिंदी आलोचकों की सहमति और असहमति के बीच हिंदी दलित कविता ने अपनी मुकम्मल पहचान बनाई है। हिंदी के आल....

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