शैलेय

शैलेय की कविताएं

(1)

एक पगडंडी के सहारे 
हम एक पूरा पहाड़ चढ़ जाते हैं
यानी 
एक पगडंडी का भरोसा
भरोसा है बांहों के भीतर ही 
एक पूरे पहाड़ के सरसब्ज होेने का

यानी 
पहाड़ भर दम ही 
किसी पहाड़ पर चढ़ा सकता है
किसी शिखर पर लहरा सकता है
अपनी जमीन से उठाया हुआ एक झंडा

यानी एक झंडा
एक पहाड़ भर दम भी 
अंततः निर्भर ....

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