प्रमोद द्विवेदी

प्रमाण: मैं जीवित हूं

भला ऐसा असगुनहा सपना भी कोई देखता है।
चिकनगुनिया से बचने के लिए पूरे साल मसहरी लगाकर सोने वाले बनवारी लाल शिवहरे उर्फ बीएल साहब ने ढलती रात के सपने में देखा कि उनकी मौत हो गई है। डर के मारे जीवनहर्ता से वे हाथ जोड़कर जिंदगी लौटाने की अरज कर रहे हैं। जीवन लेने वाले भगवान जी से जैसे उनकी जंग चल रही थी। जिद्दी और बेपीर भगवान सरग ले जाना चाहते थे। वे गले की सारी दम ....

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