संजय कुमार सिंह

गोबर का पहाड़ 

‘यह उस सुदर्शन फोगाट की कहानी नहीं है, जिसका चरित्र कमल के पत्ते सा निर्मल, स्फटिक सा पारदर्शी और गंगाजल सा पवित्र है, जिसे किसी इतिहास या भूगोल की सीमा में या लौकिक दृश्य बिंबों में नहीं बांधा जा सकता बल्कि यह मेरी कहानी का एक पूर्णतः काल्पनिक पात्र है, जो संयोग से कुछ मिथकीय विभ्रमों को रचने की कला में माहिर है---’                                         &nb....

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