मदन मोहन पांडेय

आत्महंता राजतंत्र के पछतावे की कथा: ‘पूर्णावतार’

राजतंत्रें की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षाएं रही हैंµà¤¬à¥œà¥‡ से बड़े भू-भाग पर अधिकार, प्रभुता, सुख-सुविधाएं, महल दुमहले, नौकर-चाकर, दास-दासियां आदि बाकी नीतियां, आदर्श आदि सब इसी धुरी के चारों ओर à¤....

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