आठवें दशक के चर्चित कथाकारों में शुमार अवधेश प्रीत एक ऐसे कहानीकार हैं, जिनकी कहानियां अपने समय को ‘स्कैन’ करती दिखाई देती हैं। इन कहानियों में समय के वे जीवंत दस्तावेज मौजूद हैं, जिनसे हम न सिर्फ बावस्ता होते हैं, बल्कि उन स्थितियों-परिस्थितियों को जानने-समझने और उसके अंकन में भी हमे मदद मिलती है। अवधेश प्रीत अपनी कहानियों में आर्थिक रूप से कमजोर गरीब आदमी के बुनि....