कृषà¥à¤£ कलà¥à¤ªà¤¿à¤¤
सà¥à¤°à¤œà¥€à¤¤ पातर: à¤à¤• लरजता नीर था वो मर के पतà¥à¤¥à¤° हो गयाÂ
निराला और नेहरू
अबे, सà¥à¤¨ बे, गà¥à¤²à¤¾à¤¬,
à¤à¥‚ल मत जो पाई खà¥à¤¶à¤¬à¥‚, रंगोआब,
खून चूसा खाद का तूने अशिषà¥à¤Ÿ,
डाल पर इतराता है केपिटलिसà¥à¤Ÿ!
वरना कà¥à¤¯à¤¾ तेरी हसà¥à¤¤à¥€ है, पोच तू
कांटों से हà....
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