वसु-बहुत पेरशान हो जाते हो न कभी-कभी दादा! ढेर सारी उलझनों के बीच न्याय के सूत्र टटोल पाने के लिए? कभी कहा नहीं, तुमने लेकिन जानती हूं तुम्हारी छठी इंद्रिय ज्यादा ही सक्रिय रहती है। तुमसे थोड़ी ही कम घमासान मचती है मेरे अंदर--- यह भी जानती हूं कि इनसे आर-पार होना आसान नहीं, न हमारे लिए, न तुम्हारे लिए--- लेकिन जहां तक मेरी बात है, मां के कहे पर मत जाना। कोई भार मत लेना। मेरी तरफ से प....