कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ मनोरमा
à¤à¤• दिन का सफर
वह रविवार की ढलती हà¥à¤ˆ रात थी। सपना गहरी नींद में सो रही थी। अचानक ‘---à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ के संकट कà¥à¤·à¤£ में दूर करे---!’ आरती के बोल, घंटी की घनघनाहट, सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने के लिठà¤à¤•-दूसरे की बà¥à¤²à¤¾à¤¹à¤Ÿ---। उसके कानों मे....
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