वंदना गुप्ता

राष्ट्रपति भवन के कंकड़

‘आहा! मुझे नीले रंग के मिले’
‘मुझे लाल रंग के’
‘मुझे तो देखो, नीले, लाल, सफेद और पीले रंग के भी मिल गए’ चहकते हुए मुनिया ने कहा। 
‘तुम्हें कहां मिले दीदी’ सोनू और मोनू ने चहकते हुए पूछा। मुनिया उनका हाथ पकड़कर उस स्थान पर ले गई जहां बहुत सारे बच्चे थे जो अपनी मुट्ठियों में उन्हें भर रहे थे। बच्चे किलकारी भर रहे थे। एक-दूसरे को दिखाते हुए कह रहे ....

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