वेदप्रकाश सिंह

सामाजिक सरोकार और स्त्री जीवन संघर्ष की कविताएं

स्त्री कविता लेखन के संदर्भ में ‘आदर्श’ और ‘बिगड़ैल’, दोनों ही शब्द मिथ की तरह हैं। दरअसल एक की आदत ही दूसरे की परंपरा बन जाती है। लंबी चलने वाली परंपराएं घिस-घिसकर मिथक में तब्दील हो जाती हैं। यह इतिहास में बाकायदा दर्ज है।
‘शंख पर असंख्य क्रंदन’ डॉ- सुनीता का पहला काव्य संग्रह है। हालांकि इससे पूर्व उनका एक कहानी संग्रह भी ‘सियोल से सरयू’ नाम से प्रकाशि....

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