कविता की अमरता
काव्य साहित्य की आत्मा है और कवि परमपद!
भले ही अभी अंग्रेजी और अन्य यूरोपीय भाषाओं में फिक्शन, नॉन-फिक्शन और हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में गद्य, कथेतर, उपन्यास, आत्मकथा, जीवनी का शोर हो लेकिन कविता सर्वोपरि है और सर्वदा रहेगी।
कथा, उपन्यास, कथेतर, नाटक, रिपोर्ताज, यात्र-वृत्तांत, आत्मकथा, जीवनी यहां तक कि चित्रकला और सिनेमा भी ....