महेश चंद्र पुनेठा

महेश चंद्र पुनेठा की कुछ कविताएं

कविता की समझ

कोई जरूरी नहीं 
जब आप कविता पढ़ें 
तब आपके समझ में आ जाए

कविता पढ़ने से पहले
मन से 
उसके साथ बैठना पड़ता है 
जैसे रिमझिम बारिश
जमीन के साथ

उसके हाथ को 
अपने हाथ में लेना होता है 
जैसे गर्म पानी 
ठंडे पानी को

उससे बतियाना होता है 
जैसे नदी चट्टानी त....

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