आशुतोष नंदन

अनजान आस्था से तर्काश्रित अनास्था की ओर

साहित्य एवं कला के क्षेत्र में मिथिला क्षेत्र की उर्वरता विश्व-विख्यात है। खासकर हिंदी साहित्य के संवर्धन एवं परिवर्धन में इस क्षेत्र के रचनाकारों की महत्ती भूमिका रही है। आदिकाल में विद्यापति से लेकर आधुनिक काल में रेणु, दिनकर अथवा नागार्जुन तक इस क्षेत्र के रचनाकारों ने अपनी विशेष पहचान बनाई है। अरुणाभ सौरभ मिथिला के इसी समृद्ध नैतिक भूगोल की उर्वर साहित्यिक भूम....

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