रोहित प्रसाद पथिक

जय गोस्वामी की कविताएं अनुवाद: रोहित प्रसाद पथिक 

मणिपुर-2023 


यदि मणिपुर मे रहती मेरी लड़की
नौकरी के सिलसिले से रहती मेरी लड़की
तब मैं क्या करता
अब मैं क्या कर रहा हूं 
इस बूढ़े हड्डी से कुछ भी नहीं कर पाता हूं---
उनके सामने जाकर
शरीर पर मिट्टी का तेल ढालकर
मर तो सकता हूं
मैं कोई भी सत्य साहस से नहीं कर सका हूं 
मणिपुर आज जल रहा है
मेरे ही दोष से!

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