प्रज्वल चतुर्वेदी

प्रज्वल चतुर्वेदी की तीन कविताएं


तुम्हारे दुखों के लिए

तुम्हारे दुखों को समझकर
यह कहना आसान होगा
हंसना अब
तुम्हारे लिए एक 
निर्मम कृत्य है
तुम कितनी सुंदरता से
निर्ममता को
आश्रय देते हो

दुनिया भर की तमाम भाषाओं
जगहों और लोगों के
बीच से गुजरने के बावजूद भी
शब्द
मेरे पास नहीं हैं
सांत्वना देने के लिए तुम्हें

सांत्वना के शब्दों में 
एक खराश है
जो तुम्हें ....

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