उषा राय

उषा राय की कुछ कविताएं


तेंदुआ

घुस आया है तेंदुआ
वे मुग्ध हैं उसके हिंसक अंदाज पर  
गर्व करते हैं फूल माला से लाद देते हैं
पर लोग हैरान हैं कि यह तो तेंदुआ है

कुछ ने उसके खून से सने
दांत देखे कुछ ने तीखे नाखून भी
आमजन लेखक-पत्रकार संस्कृतिकर्मी 
और स्त्रियां चीख-चीख कर बताती हैं कि 
यह वह नहीं यह तो इतिहास के गलियारों में 
कथा ....

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