हारà¥à¤¨ रशीद खान
‘जो हो रहा है वह à¤à¤• वरà¥à¤— विशेष को नज़र में रखकर हो रहा है
इलाहाबाद (अब पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—राज) के à¤à¤• समृदà¥à¤§ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® परिवार में जनà¥à¤®à¥€à¤‚ नासिरा शरà¥à¤®à¤¾ की गिनती हिंदी साहितà¥à¤¯ के शीरà¥à¤· रचनाकारों में की जाती है। ईरानी साहितà¥à¤¯, समाज, राजनीति और वहां की कला-संसà¥à¤....
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