प्रतीक्षा रम्य की कहानी अविस्मरणीय प्रभाव डालती है
‘पाखी’ का अगस्त, 2023 अंक पढ़ा। अच्छा लगा! आज के समय में जबकि साहित्यिक पत्रिकाएं बंद होने के कगार पर हैं, ‘पाखी’ ने अपनी रचनाओं की स्तरीयता एवं प्रकाशन की समयबद्धता कायम कर रखी है। संतोष की बात यह है कि ‘पाखी’ नवोदित रचनाकारों को भी अत्यंत प्रोत्साहित करती है, उनकी रचनाओं को सम्मानजनक स्थान देकर। इसक....