अशोक प्रियदर्शी

पुलिस जीवन के आंतरिक दर्द-दर्प की रोचक कथा

‘विषहरिया’, पुलिस जीवन के भीतर के साहस, संकल्प, संघर्ष की यह कथा अपने ढंग की अकेली है, अकथित, अपरिचित। वस्तुतः लेखक एक बड़ा पुलिस अधिकारी रहा है। अपने प्रारंभिक प्रशिक्षण में उसने सशस्त्र विद्रोह को कुचलने या संभालने में दक्षता प्राप्त कर ली है। पुरस्कार के रूप में इस जांबाज अधिकारी को बिहार राज्य के बेतिया में दस्यु उन्मूलन की कमान सौंप दी जाती है। उसी दौर के आंखों द....

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