भगवान अटलानी

अंधेरे से लड़ती कहानियां

क्या सचमुच साहित्य समाज के लिए मशाल की तरह है? क्या साहित्य परिवर्तन लाने में सक्षम है? क्या साहित्य संस्कारित करता है? ऐसे अनेक प्रश्न चिंतकों को उद्वेलित करते रहे हैं। साहित्य की सार्थकता और रचनात्मकता की बहस के बावजूद कुछ लेखक संपूर्ण आस्था और विश्वास के साथ ऐसा रच रहे हैं जो जालों को साफ करके मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहन करता है। डॉक्टर संदीप अवस्थी....

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