सियाराम शर्मा

मैनेजर पांडेय की आलोचना: परंपरा और समकालीनता का अद्भुत सामंजस्य

प्रतिबद्ध विचारक, चिंतक और प्रखर मार्क्सवादी आलोचक मैनेजर पांडेय नामवर सिंह की पीढ़ी के बाद हिंदी के सबसे समर्थ आलोचक हैं। अपने समय, समाज, इतिहास, परंपरा और संस्कृति में उनकी गहरी जड़ें थी। साहित्य के इतिहास दर्शन, समाजशास्त्र, पश्चिम की मार्क्सवादी आलोचना, विश्व के क्रांतिकारी साहित्य की तलस्पर्शी समझ उनकी आलोचना के भीतर निरंतर सक्रिय रही। दलित, स्त्री, आ....

Subscribe Now

पूछताछ करें