अल्पना सिंह

एक आग का दरिया था और डूब कर जाना था

हर इतिहास का एक वर्तमान होता है जो कतई निश्चित नहीं होता है। अनिश्चय की घड़ी में लिए गए कठोर और साहसिक फैसले ही उसे इतिहास के पन्नों में दर्ज करते हैं। किसी कमजोर घड़ी में कठोर और साहसिक निर्णय लेना सरल नहीं होता। भीषण द्वंद्व से गुजरना तलवार की धार पर चलने जैसा दुष्कर है। घुटनों के बल चलने वाले गिरा नहीं करते। चोट वही खाते हैं जो आगे बढ़कर घोड़े पर चढ़ने का सा....

Subscribe Now

पूछताछ करें