राजेंद्र उपाध्याय

इलेक्ट्रोनिक मीडिया में स्त्री-हिंसा

इलेक्ट्रोनिक मीडिया में स्त्री का हिस्सा दिन पर दिन जितना बढ़ता जा रहा है उसके प्रति हिंसा भी उतनी ही बढ़ती जा रही है। याद कीजिए, क्या आपके ध्यान में कोई ऐसा धारावाहिक, कोई ऐसा चैनल आ रहा है जिसमें स्त्री न हो या उसकी कोई भूमिका न हो। संसद में स्त्री के लिए तैंतीस प्रतिशत आरक्षण पता नहीं कब होगा, लेकिन इलेक्ट्रोनिक मीडिया में तो जन्म से ही वहां स्त्री का लगभग अस....

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