अनामिका चक्रवर्ती

अनामिका चक्रवर्ती की दो कविताएं

विवाहित स्त्री और प्रेम

विवाहित स्त्रियां जब होती हैं प्रेम में
तो उतनी ही प्रेम में होती हैं
जितनी होती हैं कुंवारी लड़कियां 
प्रेम कुंवारेपन और विवाह को नहीं जानता
केवल मन के दर्पण को देखता
मन के राग को सुनता है

विवाहित स्त्रियां भी समाज से डरते हुए 
करती जाती हैं प्रेम 
किसी अमर बेल की तरह
क्योंकि प्....

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