‘सॉरी सर!’-मोबाइल पर कर्नल निरंजन ने कहा था और सदानंद ने अपने मोबाइल पर सुना था। यह सुनते ही सदानंद को बेहद गुस्सा आया। कुछ समय तक वह यही सोचकर दुखी होता रहा कि उसकी दो-तीन दिनाें में की गई मेहनत व्यर्थ ही चली गई। कुछ देर तक वह हाथों की दोनों कोहनियों को टेबल पर टिका हथेलियों से माथा पकड़े आंखें बंद किए विचार शून्य हो गया। परंतु कुछ ही पलों के मनन करने के बाद उस....