दिव्या लाल सक्सेना

मां कभी मिसिंग नहीं रहीं


आज जब कभी अपनी मां के बारे में सोचती हूं तब मुझे लगता है, मां ने हम लोगों को कितना वक्त दिया। वह हम लोगों के हर चीज का ध्यान रखती थीं। वह हमेशा हम भाई-बहनों को प्रोत्साहित करती थीं कि हमें हर क्षेत्र में पार्टिसिपेट करना चाहिए- चाहे वह म्यूजिक हो, डांस हो, ड्रांइग हो, स्पोर्ट्स हो, कोई भी चीज हो, वह हमेशा सिखाने पर जोर देती थीं। 
मां इसे सब के बीच कब लिखती थीं- यह हमें कभी ....

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