संतोष शर्मा

विलुप्त कला का अनुपम दस्तावेज

पत्रों के महत्व को रामविलास जी ने बहुत पहले ही पहचान लिया था। उन्होंने जान लिया था कि पत्रों में एक ऊष्मा होती है जो पढ़ने वाले को अभिभूत करती है और इनमें दी गयी जानकारी अधिकांशतः प्रामाणिक होती है। पत्रों में लेखक की तुरत प्रतिक्रिया होती है, एक ताजगी होती है, इसलिए उसमें बनावट नहीं होती। पत्रों में अपने समय की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं पर टिप्पणियाँ ह....

Subscribe Now

पूछताछ करें