अपूर्व जोशी

धर्म, संस्कृति और संस्कार का घातक कॉकटेल

कामू ने कहा ‘हमारी सबसे बड़ी असफलता तो यह है कि हम आदमी न हो सका।’ यह आदमी न हो पाना दरअसल हमारे जन्म लेते ही शुरू हो चुकी ऐसी प्रक्रिया है जिसका बीज हमें हमारे माता-पिता, अपने बड़े-बुजुर्गों से मिलते हैं। इस बीज का नाम है ‘संस्कार’ और ‘धर्म’, ‘संस्कृति’। बड़ी बकवास चीज है ये ‘तीनों’। अति मादकता है इनमें। एक पौधा है ‘कैनाबिस’ नाम का। पहाड़ों में हम इसे भा....

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